लेखनी कविता -कविता संग्रह धरती और आसमान

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धरती और आसमान मैं? मैं हूँ एक प्यारी सी धरती कभी परिपूर्णता से तृप्त और कभी प्यासी आकाँक्षाओं में तपती. और तुम? तुम हो एक अंतहीन आसमान संभावनों से भरपूर और ...

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